राजगढ़ किला: छत्रपति शिवाजी महाराज का गौरव

भारत के महाराष्ट्र राज्य में स्थित राजगढ़ किला एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक धरोहर है। यह किला पुणे जिले के सह्याद्रि पर्वतमाला में स्थित है और इसे बालकिल्ला के नाम से भी जाना जाता है। इस किले का छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान है और यह मराठा साम्राज्य की राजधानी भी रहा है। आइए, इस किले के इतिहास, आकर्षण, यात्रा मार्ग, सर्वोत्तम समय, और आवश्यक सावधानियों पर एक नजर डालें।


मुख्य दरवाजा बालेकिला 
इतिहास

राजगढ़ किला का निर्माण छत्रपति शिवाजी महाराज ने 1648 में किया था। यह किला मराठा साम्राज्य की राजधानी के रूप में कार्य करता था और यहीं से शिवाजी महाराज ने अपने कई महत्वपूर्ण अभियानों का संचालन किया था। इस किले का पुराना नाम मुरुमदेव था, लेकिन शिवाजी महाराज ने इसे राजगढ़ नाम दिया। 1674 में शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक से पहले यह किला उनकी राजधानी था।

किले के आकर्षण

  1. महादरवाजा: राजगढ़ किले का मुख्य द्वार है जो अपने भव्यता और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ से किले का प्रमुख मार्ग प्रारंभ होता है।
  2. बालकिल्ला: यह किले का सबसे ऊँचा स्थान है जहाँ से पूरे क्षेत्र का विहंगम दृश्य देखा जा सकता है।
  3. पद्मावती मंदिर: यह एक प्राचीन मंदिर है जो किले के भीतर स्थित है और यहाँ भक्तों का आगमन होता रहता है।
  4. रानी महल: इस महल का निर्माण शिवाजी महाराज की रानी के लिए किया गया था।
  5. जलाशय: किले में कई जलाशय हैं जो पानी की आपूर्ति के लिए बनाये गए थे। इनमें पद्मावती तालाब प्रमुख है।
  6. माची ( सुरक्षा चौकी ) : यहा पर तीन प्रकार की माची उपलब्ध है जिसे वाच टावर कहते है पद्मावती , सुवेला , संजीवनी माची आकर्षक तथा भव्य है 

सुरक्षा चौकी ( माची )


यात्रा मार्ग

राजगढ़ किला पुणे से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ पहुँचने के दो प्रमुख मार्ग हैं:

  1. पुणे से वेल्हे मार्ग: पुणे से वेल्हे गाँव तक बस या निजी वाहन से पहुँच सकते हैं। वेल्हे से किले तक का मार्ग ट्रेकिंग द्वारा तय किया जा सकता है।
  2. भोर मार्ग: पुणे से भोर गाँव तक बस या निजी वाहन से पहुँच सकते हैं। भोर से किले तक पहुँचने का मार्ग भी ट्रेकिंग के लिए उपयुक्त है।

सर्वोत्तम समय

राजगढ़ किले की यात्रा के लिए सर्वोत्तम समय मानसून और सर्दियों का मौसम है।

  • मानसून (जून से सितंबर): इस समय किला हरे-भरे वनस्पतियों से आच्छादित होता है और जलप्रपातों का दृश्य अत्यंत मनोहारी होता है।
  • सर्दियाँ (नवंबर से फरवरी): यह समय ट्रेकिंग के लिए सबसे उपयुक्त होता है क्योंकि मौसम ठंडा और सुखद होता है।

आवश्यक सावधानियाँ

  1. पर्याप्त पानी और खाद्य सामग्री: किले की यात्रा के दौरान अपने साथ पर्याप्त पानी और खाद्य सामग्री लेकर जाएँ क्योंकि किले में इनकी उपलब्धता सीमित होती है।
  2. ट्रेकिंग शूज: किले तक पहुँचने के मार्ग में पहाड़ी रास्ते होते हैं, इसलिए ट्रेकिंग शूज पहनना अनिवार्य है।
  3. मौसम की जानकारी: यात्रा से पहले मौसम की जानकारी अवश्य लें ताकि अनुकूल समय पर यात्रा की जा सके।
  4. सुरक्षा उपकरण: ट्रेकिंग के दौरान सुरक्षा उपकरण जैसे स्टिक और रस्सी का उपयोग करें।
  5. समूह में यात्रा: किले की यात्रा समूह में करना सुरक्षित रहता है, विशेषकर अगर आप पहली बार जा रहे हैं।क्योंकि वन परिसर होने के कारण यहा जंगली जानवरों और सर्प की उपस्थिति होती है 
  6. सावधानी : किसी भी प्रकार के कंदरों और दरारों मे हाथ न डालें क्युकी इनमे विषैले जानवर होते है जिससे यात्रा मे समस्या उत्पन्न होती है। छतरी या रैन्कोट साथ लेकर जाएं 

बालेकिला के ऊपर स्थित पानी की टाँकी और महल के अवशेष 


राजगढ़ किला न केवल महाराष्ट्र की बल्कि पूरे भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर है। यहाँ का अद्वितीय प्राकृतिक सौंदर्य और ऐतिहासिक महत्व इसे एक अद्वितीय पर्यटन स्थल बनाते हैं। राजगढ़ किला यात्रा न केवल एक रोमांचक अनुभव है बल्कि यह हमें अपने इतिहास और संस्कृति के करीब लाता है। इस ऐतिहासिक स्थल की यात्रा करके आप छत्रपति शिवाजी महाराज के गौरवशाली इतिहास को नजदीक से महसूस कर सकते हैं।

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