भारत में न्यायपालिका की नियुक्तियों का तरीका
भारत में, उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानांतरण के लिए कॉलेजियम प्रणाली स्थापित है। इस प्रणाली में, मौजूदा न्यायाधीश ही नए न्यायाधीशों की नियुक्ति करते हैं।
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Current CJI of India : Shri DY Chandrachud |
कॉलेजियम प्रणाली कैसे काम करती है?
- कॉलेजियम में मुख्य न्यायाधीश (CJI) और सर्वोच्च न्यायालय के चार वरिष्ठतम न्यायाधीश शामिल होते हैं। उच्च न्यायालयों के लिए, कॉलेजियम में उस उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और दो वरिष्ठतम न्यायाधीश होते हैं।
- कॉलेजियम योग्य उम्मीदवारों के नामों की सिफारिश करता है और फिर उनकी सिफारिशों को केंद्रीय सरकार को भेजता है।
- सरकार सिफारिशों पर विचार करती है और या तो उन्हें स्वीकार कर सकती है या "कोई कारण बताकर" अस्वीकार कर सकती है।
- हालांकि, अगर कॉलेजियम अपनी सिफारिशों को दोबारा भेजता है, तो आमतौर पर सरकार को उन्हें स्वीकार करना होता है।
कॉलेजियम प्रणाली की आलोचनाएं
- इस प्रणाली की अपारदर्शिता (opaque) को लेकर आलोचना की जाती है क्योंकि कॉलेजियम अपनी सिफारिशों के आधार को सार्वजनिक नहीं करता है।
- कुछ का मानना है कि यह कार्यपालिका को न्यायपालिका पर undue प्रभाव रखने की अनुमति देता है।
कॉलेजियम प्रणाली की बहस
कॉलेजियम प्रणाली भारत में एक बहस का विषय बनी हुई है। इसके समर्थक इसका बचाव करते हैं क्योंकि यह न्यायपालिका की स्वतंत्रता की रक्षा करता है। वहीं, इसके आलोचक पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी की ओर इशारा करते हैं।
आपको क्या लगता है? क्या कॉलेजियम प्रणाली को जारी रखा जाना चाहिए या इसे किसी भिन्न प्रणाली से बदला जाना चाहिए?