दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC)

दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) आठ दक्षिण एशियाई देशों का एक अंतर सरकारी संगठन और भू-राजनीतिक संघ है। इसका उद्देश्य सदस्य देशों के बीच आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति और सांस्कृतिक विकास को बढ़ावा देना है।

18th SAARC Summit

आइए, सार्क के बारे में अधिक जानें:

सदस्य देश:

  • अफगानिस्तान
  • बांग्लादेश
  • भूटान
  • भारत
  • मालदीव्स
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्रीलंका

स्थापना:

  • सार्क की स्थापना 8 दिसंबर 1985 को ढाका, बांग्लादेश में हुई थी।

उद्देश्य:

  • सार्क का मुख्य उद्देश्य सदस्य देशों के बीच क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है। इसमें आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति और सांस्कृतिक विकास को बढ़ावा देना, गरीबी उन्मूलन करना और क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनाए रखना शामिल है।

कार्यक्षेत्र:

  • कृषि और ग्रामीण विकास
  • व्यापार और वाणिज्य
  • परिवहन और संचार
  • ऊर्जा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी
  • शिक्षा और संस्कृति
  • पर्यावरण और वन

उपलब्धियां:

  • सार्क ने सदस्य देशों के बीच क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसने गरीबी उन्मूलन, व्यापार संवर्धन, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए हैं।
  • सार्क ने आपदा प्रबंधन, आतंकवाद विरोधी सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए भी काम किया है।

आलोचनाएं:

  • सार्क को कमजोर संगठन माना जाता है क्योंकि सदस्य देशों के बीच राजनीतिक तनाव अक्सर क्षेत्रीय सहयोग में बाधा डालता है।
  • भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंधों को अक्सर सार्क की कार्यप्रणाली में बाधा के रूप में देखा जाता है।

भविष्य:

  • सार्क के भविष्य के लिए सदस्य देशों के बीच बेहतर सहयोग और क्षेत्रीय मुद्दों को सुलझाने की इच्छा महत्वपूर्ण है।
  • संगठन को आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और गरीबी जैसे मुद्दों से निपटने के लिए अधिक प्रभावी ढंग से काम करने की आवश्यकता है।

दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) दक्षिण एशियाई देशों के बीच क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। यद्यपि संगठन को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन यह क्षेत्र के विकास और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

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