बरगद का भूत : एक सच्ची घटना पर आधारित कहानी

आज जलपती अकेला अपने घर में बैठा था उसने सिर उठा कर देखा तो घड़ी में रात के 9:00 बज रहे थे वह बहुत ही परेशान था इतना परेशान वह कभी नहीं हुआ था लेकिन क्या था. ऐसी परेशानी का कारण जो वह भी नहीं समझ पा रहा था कि आखिर करें तो क्या करें किसे कहें ?

अभी ठीक 1 दिन पहले जलपती का पूरा परिवार उसके साथ था, दोपहर के 12:00 बजे उसकी बेटी स्कूल से लौटी थी, पत्नी पूरे घर के लिए इडली और चटनी तैयार कर रही थी. उसका बेटा नारियल के गिरे हुए पत्ते समेत रहा था. और जलपती भी काम से लौटा था, बाहर बरामदे में एक टूटे-फूटे पुराने सोफे पर एक पैर रखकर वह आराम कर रहा था. 


इतने में उसकी छोटी बेटी अपनी मां से कहती है. कि मां कल छुट्टी है बहुत दिन हुए हम मामा के घर नहीं गए. क्यों ना हम एक बार जाना चाहिए पहले तो माँ ने कहा नहीं फिर उसकी मां ने जलपती से पूछा और जलपती ने कहा ठीक है तुम सब चले जाओ, उसकी पत्नी ने कहा की क्यों ना तुम भी हमारे साथ चलते? लेकिन जलपती शांत था इसका कारण यह था कि उसकी अपने साले से नहीं बनती थी कई सालों पहले किसी बात को लेकर दोनों में खूब झगड़ा हुआ था दोनों में मारपीट होने तक की नौबत आ गई थी इस बात को लेकर जलपती का गुस्सा अभी भी शांत नहीं था ।

बच्चों ने उसकी पत्नी ने कई बार कहा लेकिन जलपती ने कहा कि मैं नहीं जाऊंगा तुम लोग चले जाओ कल वापस आ जाना.  क्योंकि जलपती को अपने काम पर भी जाना था वह बगल की रेयान फैक्ट्री में काम करता था, सभी लोग तैयार हो गए छोटी बेटी बहुत ही खुश लग रही थी की मामा के पास जाना है और आने पर मामा उसे ढेर सारी टॉफी दे देते हैं। जलपती का बेटा भी बड़ा खुश लग रहा था क्योंकि उसके घर में एक बैट था वह उसके मामा ने दिया था । शाम के 5:00 वाली बस कर्नाटक स्टेट ट्रांसपोर्ट की उसके मामा के घर जाती थी लेकिन वह बस भी आज करीब 1 घंटे लेट हो चुकी है आप पढ़ रहे हैं सुशील तिवारी की रोमांचक कहानियां sushiltiwari.in पर

बस स्टॉप गणपति के घर से ज्यादा दूरी पर नहीं था करीब 100 मीटर की दूरी पर था अपने परिवार के साथ अपनी साइकिल लेकर जाने की सोच ही रहा था की बगल से उसका पुराना दोस्त आया उसने कहा मैं भी साथ चलता हूं जलपती ने साइकिल वापस अपने घर पर लगा दी और उसका दोस्त भी उसके साथ चलने लगा उसके परिवार को बस स्टॉप पर छोड़ने बस आई तीनों लोग खुशी-खुशी बस में चढ़ गए हाथ हिलाते हुए जलपरी ने सभी को आराम से जाना कहकर अपने दोस्त के साथ बगल के बड़े वाले बरगद के पेड़ के नीचे बैठ गया 

कुछ देर दोनों आपस में यहां वहां की बातें कर रहे थे फिर थोड़ी देर बाद गांव के बारे में कुछ चर्चाएं हुई, चर्चा करीब एक डेढ़ घंटे चली धीरे-धीरे 8:00 बज गए अंधेरा भी काफी हो चुका था क्योंकि गांव था सड़क पर कोई लाइट भी नहीं थी उसके दोस्त ने कहा कि बीड़ी है जलपती ने कहा है वह अपनी लुंगी में बीडी टटोलने लगा धीरे से निकाल कर उसने अपने दोस्त को बीड़ी दिया दोनों ने माचिस जलाकर एक लंबी फूंक मारी मानो उन्हें एक अजीब सी शांति मिली हो क्योंकि जलपति जन्म से उसे गांव में था लेकिन आज तक उसने कभी भी उसे बरगद के पेड़ के नीचे बीड़ी नहीं पी थी और ना ही कभी वह उस बरगद के पेड़ के नीचे बैठा था.  लेकिन परिवार के जाने के बाद अपने दोस्त के साथ वहां पर पहली बार वह बैठा था 

दोनों उठकर अपने-अपने घर की ओर चलने लगे जलपती का दोस्त अपने घर की ओर चला गया. एक लंबा कश खींचते हुए जलपती अपने घर की ओर चला आया, अब पहुंचते ही उसने सबसे पहले अपने घर के बाहर लगे बल्ब के बटन को दबाया . बाहर का बल्ब जल ही नहीं रहा था उसे लगा हो सकता है बल्ब फ्यूज हो गया होगा. अंधेरा काफी हो चुका था किसी तरह वह दरवाजा खोलने की कोशिश कर रहा था. तो उसे ऐसा लग रहा था कि मानो उसके कोई पीछे खड़ा हो. एक अजीब आभास उसे हो रहा था लेकिन वह जब भी मुड़कर देखा तो उसे कोई दिखाई नहीं पड़ता वह किसी तरह दरवाजा खोला और भीतर प्रवेश किया तो उसने घर के भीतर के बल्ब के स्विच को जब दबाया तो वह भी नहीं जला 

अब वह परेशान हो चुका था अगल-बगल दूर दूर जो घर थे वहां सभी जगह पर बल्ब जल रहा था लेकिन जलपती के घर में बिजली नहीं थी. परेशान हो गया क्योंकि इतनी रात को कोई भी बिजली ठीक करने वाला भी नहीं मिलने वाला है. अब वह करें तो क्या करें उसने किसी तरह अगल-बगल घूम कर देखा टॉर्च से देखा तो जो तार उसके घर के भीतर आया था. वह बाहर से टूट गया था शायद कोई जानवर खुद गया हो या बिल्ली कूद गई हो इसलिए टूटा हो. उसने जब वह तार जोड़ा किसी तरह और बल्ब जलाया तो घर के बाहर उसने देखा कोने में एक बिल्ली मरी पड़ी है. जो कि ऐसा लग रहा था शायद इलेक्ट्रिक शॉक लगने की वजह से मरी होगी. 

उसे बड़ा ही अजीब लग रहा था कि घर के बगल में बिल्ली मर गई है उसने किसी तरह डंडे से बिल्ली को बगल किया जाकर घर के भीतर लाइट जलाई रात करीब 9:00 चुके थे उसने बाहर में डोर को बंद किया और भीतर जाकर भीतर के दरवाजे को बंद कर दिया वह घर में बिल्कुल अकीरा था जहां पर टीवी रखी हुई थी उसके दराज में दरवाजे को खोलकर उसने शराब की बोतल निकाल और लकार टेबल पर रख दिया किचन में गया तो कटोरी उसके भीतर कुछ नींबू मिर्ची और नमक एक पानी की बोतल यह सारी चीज लेकर आया और उसे भी उसे मैच के ऊपर रख दिया बगल की कुर्सी इमेज के पास में खींचकर वह एकदम आराम से बैठा और जो बैठा तो उसे अजीब सी गंध आने लगी वह गंध सड़ी हुई गंध थी. उसे लगा शायद बिल्ली मर गई है हो सकता है इसकी बदबू हो इस सभी को छोड़कर उसने गिलास के भीतर शराब निकलकर पानी मिलाकर पीने लगा 

शराब पीते पीते उसे करीब 12 बज गए इसके बाद जब वह फिर बीड़ी पीने की कोशिश किया तो उसके लड़के का खेलने वाला बल्ला बड़े जोरों से नीचे गिर गया वह चौंक कर पीछे देखा तो बल्ला गिरा हुआ था उसने उसकी तरफ ध्यान न देते हुए फिर से बीड़ी जलाई अब वह बदबू जो थोड़ी सी थी वह बदबू बहुत जोर से आ रही थी गढ़ इतनी तेज थी कि बर्दाश्त करना मुश्किल था और मानो उसके अगल-बगल में कोई जोर-जोर से घूम रहा हो उसे डर लगने लगा था कि करें तो क्या करें उसने टीवी चलाने की कोशिश की तो टीवी भी नहीं चालू होगा उसने घर में जाकर सारी बत्तियां को जला दिया और फिर बैठ गया वह बीड़ी पी रहा था कि उसके बगल में एक आदमी आकर खड़ा हो गया 

यह आदमी बहुत ही फटा पुराना चिथडा लपेटा हुआ था उसके सिर पर बाल बिल्कुल नहीं थे उसके हाथ छोटे बड़े थे वह जलपती को जोरो से घूर रहा था। जलपती जोर से चिल्लाया और कहा तुम कौन हो मेरे घर में तुम कैसे आए तुम तुम्हें किसने आने दिया मेरे घर में बताओ जल्दी कहां से आए हो तुम चोर हो क्या हो? तुमने घर में मेरे क्या-क्या चोरी किया है अगर तुमने नहीं बताया तो मैं तुम्हें भी मार मार के तुम्हारी हालत खराब कर दूंगा इतना कहते ही जलवती के बगल से वह व्यक्ति सीधा जलपती के सामने आकर खड़ा हो गया और जलपती ने जब उसकी आंखों में देखा तो जलपती बिल्कुल भी डर चुका था 

जलपती ने कहा कि आखिर तुम कौन हो क्या चाहते हो ? उसने कहा मैं बरगद के पेड़ पर रहता हूं मैं तुम्हें बचपन से देख रहा हूं लेकिन तुमने आज बहुत गलत काम किया है तुम और तुम्हारा दोस्त दोनों ने मिलकर मेरे बरगद के पेड़ के नीचे बीड़ी पिया है इसी बीड़ी की वजह से मेरी जान गई थी, जलपती बिल्कुल भी डर चुका था उसे समझ नहीं आ रहा था मैं क्या करूं? उसने कहा मैंने ऐसा क्या कर दिया ? भूत ने कहा कई साल पहले इसी बीड़ी की वजह से मेरी जान गई थी इसी बरगद के पेड़ के नीचे करीब 100 साल पहले मैं जब बीड़ी पी रहा था एक अंग्रेज अधिकारी ने मुझे पीट-पीट कर मार डाला था तब से मैं इसी बरगद के पेड़ के नीचे रहता हूं जहां तुम आज बैठे थे मैं वही बैठता हूं बरगद का पेड़ ही मेरा स्थान है

जलपती डर चुका था वह भूत से माफी मांगने लगा उसने कहा मुझसे गलती हो गई उस आदमी ने कहा कि तुमको मेरे साथ चलना होगा, मैं तुम्हें अकेला नहीं छोड़ सकता मुझे बीड़ी पीने के लिए साथी चाहिए तुम और तुम्हारा दोस्त मेरे साथी हो मैं तुम्हारे दोस्त को अपने साथ मिला लिया है इतना सुनते ही जलपती डर गया उसने कहा क्या? उस आदमी ने कहा हां तुम्हारा दोस्त जाते-जाते कुएं में गिर गया और वह कुएं में गिर के मर गया है वह मेरे साथ आ चुका है बस तुम्हें आना है इतना कहते जलपती उसके पैरों पर गिर पड़ा उसने कहा कि नहीं मेरे साथ ऐसा मत करो मेरा परिवार है मेरा परिवार कहां जाएगा जलपती उसके पैरों में गिरा ही था कि उसने देखा उसका दोस्त उसके बगल में आकर खड़ा हो गया और वह हंस रहा है 

जलपती ने अपने दोस्त से कहा कि तुम आ गए?  तुम भीतर कैसे आए दरवाजा तो बंद है और यह देखो यह क्या बोल रहा है? उसके दोस्त ने कहा यह बिल्कुल सही बोल रहा है अब मैं इसके साथ ही हूं और तुम्हें भी मेरे साथ चलना पड़ेगा हम तीनों यही बरगद के पेड़ पर रहेंगे अपने-अपने परिवार को देखेंगे इतना बोल ही रहा था तब तक दरवाजे पर आवाज होती है कोई दरवाजा ठोकता है जलपती दरवाजे की तरफ बढ़ता है यह उसे बढ़ने नहीं देते यह उसका पैर पड़कर खींचते हैं दोनों कोई दरवाजा जोर-जोर से पीट रहा है कौन हो इतनी रात को पता नहीं जोर-जोर से पीटने की आवाज आ रही है कई लोग पीट रहे हैं 

जलपती जोर-जोर से चिल्लाने की कोशिश कर रहा है लेकिन उसके मुंह से आवाज नहीं निकल रही है तभी अचानक जोर से दस्तक होती है और दरवाजा खुल जाता है जलपती देखा है कि उसकी पत्नी उसका बेटा उसकी बेटी तीनों दरवाजे पर खड़े हैं जलपती जोर-जोर से चिल्लाता है बोलता है देखो इन्होंने मुझे पकड़ रखा है उसकी पत्नी बेटी बेटा तीनों भाग कर घर के भीतर आते हैं और दरवाजा बंद करते हैं तब उसके पीछे खड़े दोनों लोग हंसने लगते हैं और कहते हैं कि तेरी परिवार को भी मार दिया , यह तेरा परिवार नहीं है इतना सुनते ही जलपती की पत्नी उसकी बेटी और उसका बेटा भी हंसने लगते हैं और थोड़े ही देर में जलपती की जान निकल जाती है अब वह अपने उसे परिवार के साथ और उन दोनों के साथ हो चला था 

सुबह खबर आती है कि जलपती का पूरा परिवार बस के एक्सीडेंट में मर गया उसका दोस्त कुएं में गिरकर मर गया , जलपती शराब पीकर मर गया यह घटना सच्ची घटना है। जल्द ही भविष्य में नई कहानी लेकर आपसे मिलेंगे तब तक के लिए धन्यवाद्, 

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