तंत्र और अंधविश्वास में बहुत बड़ा अंतर है। आइए इसे समझते हैं:
तंत्र:
- आध्यात्मिक और दर्शनिक परंपरा: तंत्र एक प्राचीन भारतीय दर्शन और आध्यात्मिक परंपरा है। इसमें ब्रह्मांड की ऊर्जा, जिसे शक्ति के रूप में जाना जाता है, को समझने और उसका उपयोग करने के सिद्धांत और तकनीक शामिल हैं। इसका लक्ष्य आत्म-विकास, आध्यात्मिक जागृति और मोक्ष (मुक्ति) प्राप्त करना है।
- विधिपूर्वक अभ्यास: तंत्र में विभिन्न तकनीकें शामिल हैं जैसे योगासन, प्राणायाम, ध्यान, मंत्र और अनुष्ठान। इनका अभ्यास एक योग्य गुरु के मार्गदर्शन में किया जाता है।
- तर्क और अनुभव पर आधारित: तंत्र अंध विश्वास को प्रोत्साहित नहीं करता है। बल्कि, यह तर्क और व्यक्तिगत अनुभव पर आधारित है। साधक (अभ्यासी) स्वयं अभ्यास के माध्यम से अनुभव प्राप्त करता है।
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Photo by Amy Chandra |
अंधविश्वास:
- तर्कहीन मान्यताएं: अंधविश्वास गैर-तार्किक मान्यताओं और विचारों का एक समूह है जो अक्सर भय या अज्ञानता पर आधारित होते हैं। इसमें बिना किसी सबूत के भाग्य, ज्योतिष या जादू-टोना में विश्वास शामिल हो सकता है।
- कोई वैज्ञानिक आधार नहीं: अंधविश्वासों का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं होता है। ये अक्सर पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही परंपराओं या कहानियों पर आधारित होते हैं।
- हानिकारक हो सकता है: अंधविश्वास हानिकारक हो सकता है क्योंकि यह लोगों को तार्किक सोच से दूर ले जा सकता है और उन्हें गलत फैसले लेने के लिए प्रेरित कर सकता है।
संक्षेप में:
तंत्र एक जटिल और व्यापक दर्शन है जो आत्म-विकास और आध्यात्मिक जागृति का मार्ग प्रदान करता है। वहीं दूसरी ओर, अंधविश्वास तर्कहीन विश्वासों का एक समूह है जो प्रगति को बाधित कर सकता है।