जामुन की लकड़ी को पानी मे रखने के फायदे

जामुन भारत मे अक्सर गाँव देहात या  शहरों मे बड़ी आसानी से मिलने वाली वस्तु है । सड़क के किनारे जामुन के पेड़ को पत्थर मारते हुए छोटे बच्चे अक्सर आपको दिख जाएंगे, हमने और आपने भी बचपन मे जामुन के पेड़ पर चहलकदमी की होगी  । मधुमेह मे जामुन का सर्वाधिक उपयोग बताया गया है , जामुन के सिरके का प्रचलन बड़ी मात्र मे किया जाता है , ऐसेही आज हम जामुन की लकड़ी के उपयोग और फायदे के बारे मे जानेंगे 


जामुन की एक मोटी लकड़ी का टुकडा यदि आप पानी की टंकी में रख देते है तो टंकी में शैवाल यानी की हरी काई नहीं जमेगी और पानी सड़ता भी नहीं।जामुन की इस खुबी के कारण इसका इस्तेमाल नाव (बोट ) बनाने में बड़ा पैमाने पर होता है।

पुराने जमाने में गाँव के लोग अक्सर जब कुंए की खुदाई होती तो उसके नीचे  तलहटी में जामुन की लकड़ी का इस्तेमाल किया करते थे जिसे देहाती भसह मे जमोट कहते है। दिल्ली की प्रसिद्ध निजामुद्दीन बावड़ी का हाल ही में हुए जीर्णोद्धार से ये पता चला कि 700 सालों के बाद भी काई या अन्य अवरोधों की वजह से यहाँ जल के स्तोत्र मे पानी बंद नहीं हुए हैं।

पुरातत्व विभाग के प्रमुख अधिकारी के अनुसार इस बावड़ी की अनोखी बात यह है कि आज भी यहाँ लकड़ी की वो तख्ती ज्यों की त्यो है जिसके ऊपर यह बावड़ी का निर्माण किया गया था । अधिकारी और पुरातत्व विभाग के अनुसार उत्तर भारत के अधिकतर कुँओं व बावड़ियों की तलहटी में जामुन की लकड़ी का इस्तेमाल आधार के रूप में अक्सर किया जाता था।

स्वास्थ्य की दृष्टि से विटामिन "सी" और आयरन से भरपूर होता है जामुन शरीर में न केवल हीमोग्लोबिन की मात्रा को बढ़ाता है बल्कि पेट दर्द, डायबिटीज, गठिया, पेचिस, पाचन इत्यादि संबंधी कई अन्य समस्याओं को ठीक करने में बहुत उपयोगी है।

विदेशों मे वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक रिसर्च के आधार पर  जामुन के पत्तियों में एंटी डायबिटिक गुण पाए जाते हैं, जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करती है। ऐसे में जामुन की पत्तियों से तैयार चाय का सेवन करने से डायबिटीज के मरीजों को काफी लाभ मिलता है । 

इसके लिए एक कप पानी लें। अब इस पानी को एक टोप में डालकर अच्छे से उबाल लें। इसके बाद इसमें जामुन की कुछ पत्तियों को धो कर डाल दें। अगर आपके पास जामुन की पत्तियों का पाउडर है, तो आप इस पाउडर को 1 चम्मच पानी में डालकर उबाल सकते हैं। जब पानी अच्छे से उबल जाए, तो इसे कपड़े की मदद से कप में छान लें। इसमें आप शहद या फिर नींबू के रस की कुछ बूंदे मिक्स करके पी सकते हैं।

जामुन की पत्तियों में एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं. इसका सेवन करने से मसूड़ों से निकलने वाले खून को रोकने में और संक्रमण को फैलने की रोकथाम करता है। जामुन की पत्तियों को सुखाकर टूथ पाउडर के रूप में भी प्रयोग कर सकते हैं. इसमें स्वास्थ्य वर्धक गुण होते हैं जो मुंह के छालों को ठीक करने में मदद करते हैं। मुंह के छालों में जामुन की छाल के काढ़ा का इस्तेमाल करने से फायदा मिलता है। जामुन में मौजूद आयरन खून को शुद्ध करने में मदद करता है।

जामुन की लकड़ी भी एक अच्छी दातुन है अपितु पानी चखने वाले (जलसूंघा) भी पानी सूंघने के लिए जामुन की लकड़ी का इस्तेमाल करते हैं।

हर व्यक्ति अपने घर की पानी की टंकी में जामुन की लकड़ी का एक टुकड़ा जरूर रखना चाहिए, बिना खर्चे के लाभ ही लाभ है। इसके लिए आपको मात्र जामुन की लकड़ी को घर लाना है और अच्छी तरह से साफ सफाई करके पानी की टंकी में डाल देना है। इसके बाद आपको फिर पानी की टंकी की साफ सफाई करवानें की जरूरत नहीं पड़ेगी।

नाविक नाव की तलहटी में जामुन की लकड़ी क्यों लगाते हैं, जबकि वह तो बहुत कमजोर होती है

पुरातन काल से भारत की नदियों में यात्रियों को एक किनारे से दूसरे किनारे पर ले जाने वाली नाव की निचली सतह में जामुन की लकड़ी लगाई जाती है। सवाल यह है कि जो जामुन पेट के रोगियों के लिए एक घरेलू आयुर्वेदिक औषधि है, जिसकी लकड़ी से दांतो को कीटाणु रहित और मजबूत बनानें वाली दातुन बनती है, उसी जामुन की लकड़ी को नाव की निचली सतह पर क्यों लगाया जाता है। वह भी तब जबकि जामुन की लकड़ी बहुत कमजोर होती है। मोटी से मोटी लकड़ी को हाथ से तोड़ा जा सकता है। क्योंकि इसके प्रयोग से नदियों का पानी पीनें योग्य बना रहता है।

700 साल बाद भी जामुन की लकड़ी खराब नहीं हुई 

जामुन के पेड़ की लकड़ी के आश्चर्यजनक परिणामों का प्रमाण हाल ही में मिला है। देश की राजधानी दिल्ली की निजामुद्दीन बावड़ी की जब सफाई की गई तो उसकी तलहटी में जामुन की लकड़ी का एक स्ट्रक्चर मिला है। भारतीय पुरातत्व विभाग के प्रमुख अधिकारी के अनुसार जामुन की लकड़ी के स्ट्रक्चर के ऊपर पूरी बावड़ी बनाई गई थी। शायद इसीलिए 700 साल से अधिक बाद तक इस बावड़ी का पानी मीठा है और किसी भी प्रकार के कचरे और गंदगी के कारण बावड़ी के वाटर सोर्स बंद नहीं हुए। जबकि कई सौ साल तक इसकी किसी ने सफाई नहीं की थी।

घर में जामुन की लकड़ी का उपयोग कैसे करे ?

यदि आप अपने घर की छत पर  पानी की टंकी में जामुन की लकड़ी डाल देते हैं तो आप के पानी में कभी काई नहीं जमेगी। 700 साल तक पानी का शुद्धिकरण होता रहेगा। आपके पानी में एक्स्ट्रा मिनरल्स मिलेंगे और उसका tds बैलेंस रहेगा। यानी कि जामुन हमारे खून को साफ करने के साथ-साथ नदी के पानी को भी साफ करता है और प्रकृति को भी साफ रखता है।

पौराणिक कालो से तमाम राजे रजवाड़े और वर्तमान में जानकार अरबपति रईस जो अपने स्वास्थ्य के प्रति चिंता करते हैं। जामुन से बनी लकड़ी के बनें गिलास में पानी पीते रहे है ऐसे ही और रोचक जानकारी के साथ जल्द ही प्रस्तुत होंगे . 
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